भारत के ऑटो उद्योग ने 2025 में अब तक का सबसे मजबूत अक्टूबर दर्ज किया, जो मजबूत त्योहारी मांग, कम GST दरों और SUVs तथा इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की ओर बढ़ते उपभोक्ता रुझान से प्रेरित था। प्रमुख निर्माताओं ने यात्री, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहन खंडों में रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की, जिससे भारत की आर्थिक पुनर्प्राप्ति में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका उजागर हुई।
यह सकारात्मक भावना आज के शेयर बाजार के रुझान में भी झलकती दिखी। महिंद्रा एंड महिंद्रा 1.77 प्रतिशत बढ़कर ₹3,548.90 पर पहुंची, टाटा मोटर्स (पैसेंजर व्हीकल्स) 1.71 प्रतिशत बढ़कर ₹417.00 पर पहुंची, जबकि मारुति सुज़ुकी पिछले हफ्तों की तेज रैली के बाद 3.31 प्रतिशत गिरकर ₹15,651.00 पर बंद हुई — जो मुनाफा वसूली और ऑटो सेक्टर में जारी आशावाद का मिश्रण दर्शाती है।
त्योहारी मांग और GST 2.0 सुधार से बढ़ावा
अक्टूबर की मजबूत बिक्री कई कारकों के आदर्श संयोजन से प्रेरित रही — त्योहारी भावना, दबाई गई मांग और GST 2.0 के तहत संरचनात्मक नीतिगत सुधार।
- छोटी कारों पर GST 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में वहनीयता में सुधार हुआ।
- बड़ी कारों और प्रीमियम बाइकों पर अब 40 प्रतिशत का समान कर लगाया गया है, जिससे मूल्य संरचना सरल हो गई है।
देशभर के डीलरशिप्स ने रिकॉर्ड ग्राहक उपस्थिति दर्ज की, जिसमें नवरात्रि और दिवाली के दौरान खुदरा बिक्री में साल-दर-साल 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। खुदरा विक्रेताओं ने इस महीने को “बचत उत्सव” कहा, जो सभी वाहन श्रेणियों में व्यापक उत्साह को दर्शाता है।
कंपनीवार बिक्री: सभी सेगमेंट्स में रिकॉर्ड आंकड़े
नीचे दी गई तालिका विभिन्न वाहन सेगमेंट्स में प्रमुख सूचीबद्ध ऑटो कंपनियों के अक्टूबर 2025 और अक्टूबर 2024 के बिक्री आंकड़ों की तुलना करती है।
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कंपनी |
सेगमेंटf |
अक्टूबर 2025 बिक्री |
अक्टूबर 2024 बिक्री |
वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि |
मुख्य विशेषताएं |
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मारुति सुज़ुकी |
पैसेंजर व्हीकल्स |
2,20,894 |
2,06,434 |
7.0% |
अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री; कॉम्पैक्ट और SUV की मजबूत मांग। |
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टाटा मोटर्स (पैसेंजर व्हीकल्स) |
पैसेंजर व्हीकल्स |
61,295 |
48,423 |
26.6% |
EV बिक्री 73% बढ़कर 9,286 यूनिट्स तक पहुंची; SUVs का हिस्सा 77%। |
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महिंद्रा एंड महिंद्रा |
पैसेंजर + कॉमर्शियल व्हीकल्स |
1,20,142 |
96,648 |
26.0% |
रिकॉर्ड SUV और पिकअप बिक्री; SUV सेगमेंट में 31% की वृद्धि। |
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ह्युंडई मोटर इंडिया |
पैसेंजर व्हीकल्स |
69,894 |
- |
- |
क्रेटा और वेन्यू के लिए वर्ष का दूसरा सबसे अच्छा महीना। |
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टिवीएस मोटर कंपनी |
दोपहिया वाहन |
5,43,557 |
4,89,015 |
11.0% |
ICE और EV दोनों स्कूटरों में वृद्धि। |
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आइशर मोटर्स (रॉयल एनफील्ड) |
दोपहिया वाहन |
1,24,951 |
1,10,574 |
13.0% |
रिकॉर्ड त्योहारी बिक्री; ग्रामीण मांग मजबूत। |
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टाटा मोटर्स (कॉमर्शियल व्हीकल्स) |
कॉमर्शियल व्हीकल्स |
37,530 |
34,259 |
10.0% |
इन्फ्रास्ट्रक्चर आधारित मांग स्थिर। |
|
अशोक लेलैंड |
कॉमर्शियल व्हीकल्स |
16,314 |
14,067 |
16.0% |
ट्रक और पैसेंजर बस की बिक्री में सुधार। |
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एस्कॉर्ट्स कुबोटा |
ट्रैक्टर |
18,798 |
18,110 |
3.8% |
ग्रामीण और निर्यात मांग स्थिर। |
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एसएमएल इसुजु |
कॉमर्शियल व्हीकल्स |
1,059 |
801 |
32.0% |
छोटे OEMs में सबसे मजबूत कॉमर्शियल व्हीकल वृद्धि। |
सेगमेंट रुझान: SUVs, EVs और दोपहिया वाहनों ने बढ़त बनाई।
यात्री वाहन (पीवी):
SUVs का दबदबा जारी रहा, जो कुल पैसेंजर वाहन बिक्री का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखता है। टाटा मोटर्स और महिंद्रा ने शानदार प्रदर्शन किया — टाटा के इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो और महिंद्रा की नई SUV लाइन-अप ने वृद्धि को बढ़ावा दिया। मारुति सुज़ुकी की कॉम्पैक्ट कार रेंज — बलेनो, स्विफ्ट और वैगनआर — को भी GST कटौती से लाभ हुआ, जिससे छोटी कारों की मांग में फिर से जान आई।
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी):
EV अपनाने की रफ्तार तेज हुई। टाटा मोटर्स ने 9,286 यूनिट्स बेचकर 73 प्रतिशत साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की। बाजाज ऑटो 31,168 यूनिट्स के साथ EV दोपहिया बिक्री में शीर्ष पर रहा, जबकि टिवीएस (29,484 यूनिट्स) और एथर एनर्जी (28,061 यूनिट्स) ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। अब यह सेगमेंट कुल दोपहिया बिक्री का 8 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है।
दोपहिया वाहन:
त्योहारी अवधि के दौरान दोपहिया बाजार में मजबूत खुदरा बिक्री दर्ज की गई। हीरो मोटोकॉर्प ने 9.94 लाख यूनिट्स बेचकर अपना नेतृत्व बनाए रखा। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया 8.2 लाख यूनिट्स के साथ दूसरे स्थान पर रही। टिवीएस मोटर ने 5.57 लाख यूनिट्स बेचे, जबकि रॉयल एनफील्ड ने सितंबर–अक्टूबर के दौरान 2.49 लाख से अधिक मोटरसाइकिलें बेचकर अब तक का सर्वश्रेष्ठ त्योहारी प्रदर्शन किया।
वाणिज्यिक वाहन (सीवी):
इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार, लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की वृद्धि और बढ़ती निर्माण गतिविधियों ने वाणिज्यिक वाहनों की मांग को बढ़ावा दिया। टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और आइशर — तीनों ने दो अंकों (double-digit) की वृद्धि दर्ज की।
इस तेजी का कारण क्या है?
अक्टूबर के रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
- त्योहारी भावना: उपभोक्ताओं ने GST 2.0 लागू होने से पहले खरीदारी टाल दी थी, जिससे दबाई गई मांग अक्टूबर में खुलकर सामने आई।
- कम कर: GST कटौती से छोटी कारें और अधिक सस्ती हुईं, जिससे बजट और कॉम्पैक्ट सेगमेंट में मांग तेजी से बढ़ी।
- SUV और EV का क्रेज: बदलती उपभोक्ता पसंद बाजार को SUVs और पर्यावरण-अनुकूल मॉडलों की ओर झुका रही है।
- ग्रामीण सुधार और निर्यात: टिवीएस और ह्युंडई को मजबूत ग्रामीण और अंतरराष्ट्रीय बिक्री से लाभ हुआ, जो भारत की विविध मांग क्षमता को दर्शाता है।
बाज़ार दृश्य विश्लेषण
बाजार विश्लेषक उम्मीद करते हैं कि यह रफ्तार दिसंबर तिमाही तक जारी रहेगी, जिसे मजबूत उपभोक्ता भावना और आने वाले नए मॉडल लॉन्च — जैसे मारुति की e-विटारा, टाटा की सिएरा और महिंद्रा की XEV 9S — से समर्थन मिलेगा। हालांकि विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि त्योहारी सीज़न के बाद सामान्य स्थिति लौटने से वृद्धि कुछ धीमी हो सकती है। बढ़ती इनपुट लागत, संभावित ब्याज दर वृद्धि और धीमी निर्यात मांग अल्पकालिक चुनौतियां पैदा कर सकती हैं। फिर भी, संरचनात्मक प्रवृत्तियां सकारात्मक हैं — EV पैठ, प्रीमियम SUV लॉन्च और सरकार द्वारा संचालित इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश उद्योग के दीर्घकालिक विस्तार को समर्थन देंगे।
शेयर बाज़ार की प्रतिक्रिया
अक्टूबर के बिक्री आंकड़े जारी होने के बाद ऑटो शेयरों में तेजी आई।
- टाटा मोटर्स में बढ़ोतरी दर्ज की गई क्योंकि निवेशकों को मुनाफे के मार्जिन में विस्तार और वॉल्यूम आधारित कमाई में वृद्धि की उम्मीद है।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा ने व्यापक ऑटो इंडेक्स को पछाड़ दिया, क्योंकि विश्लेषकों ने FY26 की कमाई के अनुमान ऊपर की ओर संशोधित किए।
- ग्रामीण सुधार और EV विस्तार की निरंतर गति के बीच टिवीएस मोटर और आइशर मोटर्स में भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी।
निवेशक ऑटो शेयरों को भारत की खपत क्षमता के प्रमुख संकेतक के रूप में देखते हैं — और अक्टूबर के रिकॉर्ड आंकड़ों ने इस विश्वास को और मजबूत किया है।
आउटलुक: एक ऐतिहासिक अक्टूबर, आशाजनक भविष्य
अक्टूबर 2025 भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक महीना साबित हुआ है। रिकॉर्ड पैसेंजर कार डिलीवरी से लेकर तेजी से बढ़ते EV अपनाने तक, आंकड़े उपभोक्ता व्यवहार और उद्योग रणनीति में गहरा बदलाव दिखाते हैं। सहयोगी सरकारी नीतियां, बढ़ती वहनीयता और शहरी व ग्रामीण भारत में निरंतर मांग के चलते यह क्षेत्र 2026 तक लगातार वृद्धि के लिए मजबूत स्थिति में है। आगे का रास्ता भले ही कुछ असमान हो, लेकिन दिशा स्पष्ट है — भारत का ऑटो उद्योग दक्षता, विद्युतीकरण और विस्तार के नए युग में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
1986 से निवेशकों को सशक्त बना रहे हैं, एक SEBI-पंजीकृत प्राधिकरण
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रिकॉर्ड त्योहारी बिक्री ने अक्टूबर 2025 में ऑटो सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया